Light bill : ज्यादा देना होगा बिजली बिल पेटोल, डीजल की तरह बढ़ेंगी बिजली दरें 2025…

Light बिल : अप्रैल महीने में 1.24 फीसदी
ज्यादा देना होगा बिजली बिल पाच साल बाद दरोंमें वृह्ि, ईधन अधिभार शुल्क के रप में होगी वसूर्ली

LIght Bill

uttar प्रदेश के उपभोक्ताओं को अप्रैल माह में बिजली की कीमत 1.24 फीसदी अधिक चुकानी पड़ेगी। पांच साल बाद पहली बार बिजली की दरों मे ं बढ़ोतरी हुई है। यह दरें ईंधन अधिभार के रूप में वसूली जाएंगी। यह अधिभार जनवरी माह का है, जिसे अप्रैल में वसूला जा रहा है। इस संबंध में पावर कार्पोरेशन ने आदेश जारी कर दिया गया है। इसके लिए बिल तैयार करने वाले सॉफ्टवेयर मे ं बदलाव भी कर दिया गया है।

आज से यह नया टैरिफ लागू हो गया है। इस साल के लिए बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। हालांकि, 7 रुपये प्रति यूनिट की दर को समाप्त किया गया है। अब 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग होने पर 6.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से ही बिल देना होगा।

uttar प्रदेश में करीब 3.45 करोड़ उपभोक्ता हैं। बहवार्षिक टैरिफ वितरण विनियमन- 2025
प्रदेश मे ं पहले ईंधन अधिभार की दरें तय थीं, लेकिन बहुवार्षिक टैरिफ वितरण विनियमन लागू होने के बाद अब हर माह ईंधन अधिभार की दर तय होगी। इसस े स्पष्ट है कि डीजल, पेट्रोल और कोयला की महंगाई के हिसाब से ही अधिभार तय किया जाएगा। ऐस े मे ं डीजल व पेट्रोल का मूल्य जितना बढ़ेगा, उसी हिसाब से बिजली की दरें भी बढ़ती रहेंगी। >>

में संशोधन किया गया है। इसके तहत वर्ष 2029 तक माहवार फ्यूल एंड पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) यानी ईंधन अधिभार शुल्क वसूला जाएगा। विद्युत नियामक आयोग की ओर से विनियमन में किए बदलाव का असर अप्रैल माह में हर उपभोक्ता को देखन े को मिलेगा, क्योंकि पावर कार्पोरेशन ने जनवरी माह के ईंधन अधिभार का आकलन किया तो 78.99 करोड़ रुपये अतिरिक्त निकला। इस: अब बिजली दरें भी पेट्रोल और डीजल की तरह बढ़ सकती हैं। बहुवार्षिक टैरिफ वितरण विनियमन लागू होने के बाद, हर महीने ईंधन अधिभार (fuel surcharge) की दर तय की जाएगी। इसका मतलब है कि जैसे-जैसे डीजल,

पेट्रोल और कोयले की कीमतें बढ़ेंगी, वैसे-वैसे बिजली की दरें भी बढ़ेंगी।
पहले, ईंधन अधिभार की दरें तय हुआ करती थीं, लेकिन अब हर महीने इनकी गणना की जाएगी, जिससे बिजली की कीमत में उतार-चढ़ाव आ सकता है।

* यह बदलाव बिजली उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की बढ़ती लागत को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए किया गया है।
संक्षेप में:
नई व्यवस्था के तहत, हर महीने बिजली की दरें ईंधन की कीमतों के आधार पर तय की जाएंगी।
यह बदलाव पेट्रोल और डीजल की तरह बिजली की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव लाएगा।
यह बदलाव बिजली उत्पादन में ईंधन की लागत को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए किया गया

विद्युत ऊर्जा की एक इकाई एक किलोवाट घंटा  के बराबर होती है और सरल शब्दों में, 1 kWh 1 kW (1000 वाट) विद्युत उपकरण द्वारा 1 घंटे में खपत की गई ऊर्जा की मात्रा है। उदाहरण के लिए, 100 वाट के दस बल्बों को 1 घंटे तक इस्तेमाल करने पर किलोवाट घंटे में बिजली का अनुमान लगाया जा सकता है।

शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 3 रुपये यूनिट से बिजली मिलेगी। प्रदेश के शहरी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जीरो से 100 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट 6.00 रुपये और 300 यूनिट के ऊपर 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से दरें निर्धारित की गई हैं। जबकि शहरों में घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक प्रति यूनिट 7.00 रुपये के हिसाब से बिल देना होगा।

भारत में सबसे पहला चुनाव कब हुआ था और कैसे जाने -| First election In India

Gold : सोना 99,800. 1,650 रुपये का उछाल चांदी भी 500 रुपये चमकी दाम 98,500 रुपये किग्रा<br

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top