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real estate : रियल एस्टेट


🏡 रियल एस्टेट में निवेश क्यों है एक समझदारी भरा फैसला?

आज के समय में जब महंगाई तेजी से बढ़ रही है, निवेश के लिए सही विकल्प चुनना बेहद जरूरी हो गया है। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड के साथ-साथ रियल एस्टेट भी एक स्थायी और लाभकारी विकल्प बनकर उभरा है। आइए जानते हैं क्यों रियल एस्टेट में निवेश करना एक बुद्धिमानी भरा निर्णय हो सकता है।


✅ 1. स्थिर और सुरक्षित निवेश

रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें जोखिम की संभावना कम होती है। ज़मीन, फ्लैट या कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं और इनमें गिरावट की संभावना कम होती है।

✅ 2. नियमित आय का स्रोत

अगर आप रेंटल प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो उससे हर महीने किराए की नियमित आय प्राप्त होती है। यह आय रिटायरमेंट के बाद भी एक मजबूत सपोर्ट बन सकती है।

✅ 3. टैक्स में राहत

भारत सरकार रियल एस्टेट निवेशकों को कई टैक्स लाभ देती है, खासकर अगर आपने होम लोन लिया है। ब्याज और मूलधन की अदायगी पर टैक्स छूट मिलती है।

✅ 4. लॉन्ग टर्म वैल्यू ग्रोथ

रियल एस्टेट एक लॉन्ग-टर्म एसेट है। अगर आप कुछ सालों के लिए निवेश करते हैं, तो आपको शानदार रिटर्न मिल सकते हैं, खासकर मेट्रो सिटी या विकासशील क्षेत्रों में।

✅ 5. आपकी संपत्ति, आपकी शक्ति

जब आप ज़मीन या मकान खरीदते हैं, तो वह आपकी भौतिक संपत्ति बन जाती है। यह एक ऐसी संपत्ति है जिसे आप उपयोग भी कर सकते हैं और भविष्य में बेच भी सकते हैं।


📍 आज कहां करें निवेश?

2026 में कई नए हॉटस्पॉट उभरे हैं जैसे

रियल एस्टेट सिर्फ छत नहीं देता, यह सुरक्षा, कमाई और भविष्य की संपन्नता भी सुनिश्चित करता है। अगर आप एक स्मार्ट निवेशक हैं, तो यह समय है कि आप रियल एस्टेट की दुनिया में कदम रखें।


अगर आप चाहते हैं कि मैं इस ब्लॉग में आपकी कंपनी, प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट, या किसी खास शहर को जोड़ूं, तो कृपया जानकारी भेजें।



तेजी से बढ़ रही स्वामित्व वाली संपत्तियो ं की बिक्री

नई दिल्ली। भारत में सेकंडरी रियल एस्टेट मार्केट ने काफी तेजी से विकास किया है। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म स्क्वायर यार्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी हिस्सेदारी महामारी से पहले की अवधि के 38 फीसदी से बढ़कर बीते वित्त वर्ष 2024-25 में 43 फीसदी पहुंच गई है। वहीं, प्राइमरी मार्केट की हिस्सेदारी बढ़कर 57 फीसदी पहुंच गई है।

सेकंडरी रियल एस्टेट मार्केट से तात्पर्य उन संपत्तियो ं की खरीद और बिक्री से है, जो पहले से ही स्वामित्व मे ं हैं या जिन पर कब्जा है। एजेंसी

■ सेकंडरी संपत्तियो ं की संख्या 2018-19 के 1.22 से बढ़कर 2024-25 में 2.33 लाख इकाई पहुंच गई।

■ यह रिपोर्ट देश के सात प्रमुख शहरों बंगलूरू, हैदराबाद, मुंबई, नवी मुंबई, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, पुण े और थाण े में मकानो ं की खरीद-बिक्री के आंकड़ो ं पर आधारित है।

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