कभी नाश नही ं होता या जो स्थायी है, वही अक्षय कहलाता है।
स्थायी वही रह सकता है, जो सर्वदा सत्य है। सत्य केवल परमपिता परमेश्वर ही है, जो
अक्षय, अखंड और सर्वव्यापक है। अक्षय तृतीया की तिथि ईश्वरीय तिथि है।
इस बार अक्षय तृतीया पर्व 30 अप्रैल को है। भगवान विष्णु को समर्पित अक्षय तृतीया पर्व का हिंदू धर्म मे ं महत्वपूर्ण स्थान है।
मान्यता यह भी है कि इसी दिन भगवान परशुराम धरती पर अवतरित हुए थे, इसलिए इस दिन को परशुराम जयंती के रूप मे ं भी मानते हैं। इसके अलावा इस
दिन देवी अन्नपूर्णा का भी जन्मदिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है, उसमें वृद्धि होती है। किसी नए कार्य को शुरू
करने से उसम े ं सफलता और अपार सुख-संपदा की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन परिणय सूत्र मे ं बंध े दंपतियो ं का दांपत्य जीवन अत्यंत प्रेम से भरा होता है। इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा के बाद पौराणिक कथा पढ़नी चाहिए।
इस बार अक्षय तृतीया बहुत ही खास होने वाली है। इस दिन वृषभ राशि में गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा तो मीन राशि में शुक्र और बुध की युति से लक्ष्मी नारायण राजयोग बनेगा।

अक्षय तृतीया पर इस बार दो राजयोग ….. 30 April 2025
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